संगीतकार वाजिद खान की पूर्व बीवी ने साझा किया दर्द, बताया कैसे होता था धर्मपरिवर्तन का दबाव

बॉलीवुड के रुपहले पर्दे की चकाचौंध में न जाने कितनी सिसकियाँ दबी हुई हैं।  बॉलीवुड के कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और संगीतकारों द्वारा भोली-भाली युवतियों के यौन शोषण की बातें कभी कभार ही सामने आती हैं।  बॉलीवुड में यौन पिपासुओं की लॉबी इतनी सशक्त है कि किसी भी युवती को पर्दे के पीछे का काला सच उजागर करने के लिए बहुत हिम्मत जुटानी पड़ती है।

ऐसी ही हिम्मत दिखाई कमालरुख खान ने और जब उन्होंने दुनिया को बताया कि किस तरह उनके दिवंगत पति वाजिद खान और उसके परिवार ने जबर्दस्ती कमालरुख खान का धर्म परिवर्तन कराया। वाजिद खान बॉलीवुड की संगीतकार जोड़ी साजिद-वाजिद के सदस्य थे।

अपनी ऊपर हो रहे अत्याचार को बताने के लिए कमालरुख खान ने इंस्टाग्राम का सहारा लिया। उन्होंने एक लंबा पोस्ट कर बताया कि किस तरह वाजिद और उसके परिवार ने उनपर अत्याचार किए और जबरन इस्लाम कबूल करवाया।  अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वह शादी करने से पहले 10 साल तक वाजिद खान के साथ रिलेशनशिप में थी। कमालरुख ने लिखा, ‘मैं पारसी हूं और वह मुस्लिम थे। हम वही थे जिसे आप “कॉलेज स्वीटहार्ट्स” कहेंगे। आखिरकार हमारी शादी हुई, हमने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत प्यार के लिए शादी की थी। यही कारण है कि एंटी कनवर्जन बिल पर हो रही बहस मेरे लिए काफी दिलचस्प है। मैं एक अंतरजातीय विवाह में अपने अनुभव शेयर करना चाहती हूं कि एक महिला धर्म के नाम पर दिक्कत और भेदभाव का सामना करती है, जो पूरी तरह शर्म की बात है … और एक आंख खोलने वाली है।’

कमालरुख ने बताया कि मेरी परवरिश एक ऐसे साधारण पारसी परिवार में हुई जो सभी धर्मों का सम्मान करता था। मेरे माँ-बाप ने हमेशा विचारों की आजादी को प्रोत्साहित किया गया और खुलकर बहस को आदर्श माना। हमें हर स्तर पर एजुकेशन को प्रोत्साहित किया गया। लेकिन, शादी के बाद ये ही आजादी, शिक्षा और लोकतांत्रिक मूल्य प्रणाली मेरे पति के परिवार के लिए सबसे बड़ी समस्या थी।’

वाजिद खान के कट्टर रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार को एक पढ़ी लिखी, खुले विचारों वाली इंडिपेंडेंट महिला स्वीकार नहीं थी।  वाजिद के परिवार वाले मुझ पर लगातार धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव डालते रहे लेकिन मैं अडिग रही। इस दौरान में परिवार के हर धार्मिक समारोह में पूरी शिद्दत के साथ भाग लेती रही। धर्म परिवर्तन न करने की मेरी जिद की वजह से मेरे और वाजिद के बीच दूरियाँ लंबी होती चली गई। वाजिद के परिवार ने हमारे रिश्तों के बीच जहर घोल दिया था।

मैं व्यक्तिगत रूप से धर्म परिवर्तन को सही नहीं मानती हूँ। मैं रूढ़िवादी कट्टर मुस्लिम समाज में व्याप्त पुरुष प्रधान व्यवस्था का भी लगातार विरोध करती रही हूँ। मैं चाहती थी कि मेरी 16 वर्षीय बाती अर्शी और 9 साल का बेटा रेहान भी मेरी तरह ही खुले विचारों वाले हों।

इसके लिए मुझे मेरे ससुराल वालों से लंबा संघर्ष करना पड़ा और जिसका नतीजा यह हुआ कि मुझे मेरे पति वाजिद के परिवार से अलग कर दिया गया। मुझे डराने के लिए मुझे तलाक देने की भी धमकियाँ दी गईं। मैं मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुकी थी लेकिन जब भी अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचती तो दुबारा हिम्मत जाग जाती थी।

कमालरुख ने लिखा कि इसमें कोई शक नहीं कि वाजिद एक प्रतिभावान संगीतकार थे।  उन्होंने अपना सारा जीवन संगीत की सेवा में लगा दिया था। मैं और मेरे बच्चे उन्हें बहुत मिस करते हैं लेकिन हमारी इच्छा थी कि वे बिना किसी धार्मिक भेदभाव के अपना थोड़ा समय परिवार के लिए भी निकलते।  उनकी मौत के बाद भी वाजिद के परिवार वालों का अत्याचार इस पोस्ट को लिखते समय भी जारी है।

अपनी instagram पोस्ट में कमालरुख ने लिखा कि मैं अपने और अपने बच्चों के अधिकारों के लिए हमेशा लड़ती रहूँगी। मैंने इस्लाम धर्म को स्वीकार करने से इनकार कर दिया इसलिए मेरे और मेरे बच्चों के ऊपर अत्याचार होते रहे। मैं चाहती हूं कि एंटी कन्वर्जन बिल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए। इससे मेरी जैसी महिलाओं का संघर्ष कम होगा जिन्हें इंटरकास्ट मैरिज में धार्मिक जहर के साथ लड़ना होता है।’ अंत में कमालरुख खान ने लिखा कि हम सबको सिर्फ एक धर्म का पालन करना चाहिए और वो है, ‘जियो और जीने दो।’

हम आशा करता है कि कमालरुख खान की पोस्ट को पढ़ने के बाद बहुत सी महिलाएं बॉलीवुड में हो रहे अत्याचार के बारे में बोलने का साहस जुटा पाएँगी।  यदि आप भी किसी ऐसी महिला को जानते हैं जो जबरन धर्म परिवर्तन का शिकार हुई हो तो उसके बारे में हमें कमेंट्स में बताएं। हमारी टीम का प्रयास रहेगा कि हम अपनी बहन को अत्याचार से मुक्ति दिला सकें।

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